March 29, 2023

स्वास्थ्य और सुंदरता के लिए पीपल के पेड़ के शक्तिशाली उपयोग – Uses of peepal tree for health and beauty

पीपल के पेड़ (जिसे ‘बोधि वृक्ष’ के नाम से जाना जाता है) को हिंदू धर्म, जैन धर्म और बौद्ध धर्म में शुभ माना जाता है। भारत के इसी देशी पर्णपाती वृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

पीपल के पेड़ से कई तरह के मिथक और मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। यह एक लोकप्रिय धारणा है कि पीपल के पेड़ के चारों ओर पानी पिलाने, पूजा करने और चक्कर लगाने से किसी भी व्यक्ति के लिए धन, प्रसिद्धि और प्रचुर मात्रा में सुख और सौभाग्य प्राप्त होता है। महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे अपनी प्रजनन समस्याओं को दूर करने के लिए पीपल के पेड़ की परिक्रमा करें और अपने पति के लिए लंबे, स्वस्थ जीवन की प्रार्थना करें।

पवित्र पीपल के पेड़ को अनंतकाल से ही हिंदुओं द्वारा पूजा जाता है, लेकिन पीपल का पेड़ धार्मिक मान्यता के अलावा कई तरह की औषधीय गुणों से भरपूर होता है.
?विशेषज्ञों के अनुसार पीपल ही एकमात्र ऐसा पेड़ है, जो 24 में से 22 घंटे तक ऑक्सीजन रिलीज करता है। जहां यह पेड़ रहता है, इसी वजह से वहां आसपास ऑक्सीजन की कमी नहीं होती।

पीपल के पेड़ के फायदे और उपयोग – Benefits and Uses of Peepal Tree

हृदय रोग के लिए

  • पीपल के ताजा 6-7 पत्ते लेकर 400 ग्राम पानी मे डालकर 100 ग्राम रहने तक उबाले,ठंडा होने पर पिए ब्रर्तन स्टील और एल्युमिनियम का नहीं हो, आपका ह्रदय एक ही दिन में ठीक होना शुरू हो जाएगा

  • दिल से संबंधित समस्याओं जैसे कि धड़कन और हृदय की कमजोरी के इलाज के लिए, पीपल के पत्तों से बना जलसेक पीना शुरू करें। इसे बनाने के लिए पत्तियों को रात भर पानी में डालकर सुबह छान लें। सर्वोत्तम परिणामों के लिए इस जलसेक को दिन में तीन बार पियें।

लीवर के लिए

  • पीपल के पत्तो पर भोजन करे, लीवर ठीक हो जाता है ,पीपल के पत्तों का काढ़ा पिये, फेफड़ो, दिल ,अमाशय और लीवर के सभी रोग ठीक कर देता है

पेट दर्द के लिए

  • पीपल के पेड़ की 2-3 पत्तियों का पेस्ट बनाकर उसे 50 ग्राम गुड़ में मिलाकर मिश्रण बना लें. इस मिश्रण की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर दिन में 3-4 बार खाने से पेट दर्द में राहत मिलती है.

अस्थमा के लिए

  • पीपल के पौधे की छाल और उसके पके फल अस्थमा के इलाज में सहायक होते हैं। छाल और फलों का अलग-अलग चूर्ण बना लें और फिर दोनों को बराबर मात्रा में मिला लें। अस्थमा से राहत के लिए इस मिश्रण का दिन में तीन बार सेवन करें।

  • अस्थमा से राहत के लिए पीपल के पेड़ का उपयोग करने का एक और तरीका है कि पीपल के फल का पाउडर दिन में दो बार पानी के साथ लें। आराम पाने के लिए इसे 14 दिनों तक दोहराएं।

एक्जिमा और खुजली के लिए

  • क्या आप जानते हैं कि पीपल के पेड़ की छाल का उपयोग चाय बनाने के लिए किया जा सकता है जो एक्जिमा और खुजली के इलाज में सहायक है? इतना ही नहीं, पीपल की छाल के पत्तों की राख को प्रभावित जगह पर लगाने से भी आराम मिलता है। पेस्ट तैयार करने के लिए बस छाल से 50 ग्राम राख को नींबू और घी के साथ मिलाएं।

खुबसूरत त्वचा  के लिए

  • पीपल के पेड़ की छाल से तैयार पाउडर को बेसन के साथ मिलाकर फेस पैक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह फेस पैक रंग को निखारने में मदद करता है। पीपल के पेड़ की छाल और बरगद के पेड़ का उपयोग बहुत से आयुर्वेदिक सौंदर्य उपचारों में किया जाता है।

फटी एड़ियों के लिए

  • फटी एड़ी को ठीक करने के लिए पीपल के पेड़ से निकाले गए दूध या इसके पत्तों के अर्क को प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं। यह दरारों को नरम और ठीक करने में मदद करेगा।

दांत दर्द के लिए

  • पीपल के पेड़ की छाल और बरगद के पेड़ की छाल को बराबर मात्रा में पानी में उबालकर कुल्ला तैयार करें। अपने मुंह को नियमित रूप से कुल्ला करने के लिए इसका इस्तेमाल करें। इससे आपको दांत दर्द से राहत मिलेगी।

आंखों के दर्द के लिए

  • पीपल की  की पत्तियों से दूध निकालकर आंखों पर लगाने से आंखों का दर्द दूर होता है।

कब्ज के लिए

  • पीपल के पेड़ के फल   को अपने दैनिक आहार में शामिल करना कब्ज से राहत पाने का एक शानदार तरीका है। अगर आप रोजाना 5-10   फल खाते हैं तो आप कब्ज की समस्या को हमेशा के लिए दूर कर सकते हैं।

दस्त के लिए

  • स्वास्थ्य के लिए पीपल के पेड़ के सबसे बड़े लाभों में से एक रक्तस्रावी दस्त के इलाज में है। पीपल के पेड़ के नरम तने, धनिये के बीज और चीनी को बराबर मात्रा में लेकर मिश्रण बना लें। इस मिश्रण का 3-4 ग्राम दिन में दो बार सेवन करने से आराम मिलता है।

रक्त शुद्धि के लिए

  • रक्त में अशुद्धियों के कारण बहुत सी स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। पीपल के पेड़ के 1-2 ग्राम बीज को शहद के साथ खाने से खून साफ होता है।

कान के संक्रमण के लिए

  • पीपल के पत्तों के रस को गर्म करके रूई की सहायता से 2-3 बूंद कान में डालें। यह कान के संक्रमण के इलाज में मदद करेगा।

नपुंसकता के लिए

  • आधा चम्मच पीपल के फल का चूर्ण दिन में तीन बार दूध के साथ लें। यह नपुंसकता के इलाज में मदद करेगा और शरीर को ताकत प्रदान करेगा।

Peepal ke fayde – peepal tree benefits in Hindi

?शरीर मे कही से भी खून आये, महिलाओ को मासिक समय मे रक्त अधिक आता हो, बाबासीर में रक्त आता हो, दांत निकलवाने पर रक्त आये ,चोट लग जाये, 8-10 पत्ते पीसकर,छानकर पी जाएं, तुंरत रक्त का बहना बंद कर देता है , पीपल की फल और ताजा कोपले लेकर बराबर मात्रा में लेकर पीसकर सुखाकर खांड मिलाकर दिन में 2 बार ले, महिलाओ के गर्भशाय और मासिक समय के सभी रोग ठीक करता है |

?पीपल के 3-4 नए पत्तों (peepal leaf) को मिश्री के साथ 250 मिली पानी में बारीक पीस-घोलकर छान लें। यह शर्बत रोगी को 2 बार पिलाएं। इसे 3-5 दिन प्रयोग करें। यह पीलिया रोग के लिए रामबाण औषधि है।

?पीपल की छाल को  जल में घिसकर घाव में लगाये तुरंत आराम देता है

?पीपल की छाल को खांड (चीनी )मिलाकर दिन में 5-6 बार चूसे, कोई भी नशा छूट जाता है

?पीपल के पत्तों का काढ़ा बनाकर पिये, किडनी के रोग ठीक कर देता है व पथरी को तोड़कर बाहर करता है

?पीपल का फल और ताजा कोपले लेकर बराबर मात्रा में लेकर पीसकर सुखाकर खांड मिलाकर दिन में 2 बार ले, बच्चो का तुतलाना ठीक कर देता है और दिमाग बहुत तेज करता है , पीपल के वृक्ष के लाभ हकलाने की समस्या में भी फायदे पहुंचाते हैं। पीपल के आधी चम्मच पके फल के चूर्ण में शहद मिला लें। इसका सुबह-शाम सेवन करने से हकलाहट की बीमारी में लाभ होता है।

?जिन बच्चो में हाइपर एक्टिविटी होती है, जो बच्चे दिनभर रातभर दौड़ते भागते है सोते कम है, पीपल के पेड़ के नीचे बैठाइए सब ठीक कर देता है

?किंतना भी पुराना घुटनो का दर्द हो, पीपल के नीचे बैठे 30-45 दिन में सब खत्म हो जाएगा

?शरीर मे कही भी सूजन हो, दर्द हो, पीपल के पत्तों को गर्म करके बांध दे, ठीक हो जायेगे

?पीपल का ताजा पत्ता लेकर कूट-पीसकर उसका रस निकाल लें। 5-5 बूंद नाक में डालने से नाक से खून आना बंद हो जाता है। 10-15 मिली रस में थोड़ी मिश्री मिलाकर पीने से भी लाभ मिलता है।

नोट: किसी भी नुस्खे का इस्तेमाल करने से पहले अपने डाक्टर की सलाह जरुर लें .

Disclaimer: The information included at this site is for educational purposes only and is not intended to be a substitute for medical treatment by a healthcare professional.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *