April 2, 2023

हार्ट अटैक के 1 महीने पहले से दिखने लगते हैं ये लक्षण

हार्ट अटैक का ख़तरा महिलाओं की बजाए पुरुषों को ज्यादा होता है और इसे पुरुषों में होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण भी माना जाता है. कुछ लोगों को तो हार्ट अटैक के बारे में पता ही नहीं चलता, लेकिन अगर थोड़ी सावधानी बरती जाए तो इससे होने वाली मौतों से बचा जा सकता है.शोध से पता चला है कि हार्ट अटैक के 1 महीने पहले से ही लक्षण दिखने लगते हैं (Heart Attack Early Signs). अगर आपको भी ये लक्षण नज़र आने लगें तो सावधान हो जाइए, क्योंकि आप हार्ट अटैक के शिकार हो सकते हैं. । आइए जानते हैं क्या हैं वो लक्षण।

सांस की तकलीफ – सांस की तकलीफ और थकान से शरीर को आराम की जरूरत होती है लेकिन तनाव भी दिल के दौरे का लक्षण हो सकता है। यदि आप बिना किसी स्पष्ट कारण के थकान महसूस करते हैं, तो यह आपके लिए निराशा का स्रोत हो सकता है। महिलाओं में थकान और सांस लेने में तकलीफ होना आम बात है।

अत्यधिक पसीना आना – बिना किसी काम या व्यायाम के अत्यधिक पसीना आना भी दिल के दौरे का एक चेतावनी संकेत है। यह अत्यधिक पसीना और शरीर के निम्न तापमान का कारण बनता है।

उल्टी- पेट में दर्द और उल्टी होना भी हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।

छाती में दर्द तनाव और बेचैनी – दिल के दौरे का सबसे बड़ा लक्षण सीने में दर्द होता है हालांकि कुछ लोगों को इसके बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं होती है। सीने के बीच में बेचैनी, दर्द, जकड़न और भारीपन महसूस होने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द- दर्द और जकड़न शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकती है। यह बाहों, पीठ, गर्दन और जबड़े में दर्द या भारीपन पैदा कर सकता है। कई बार दर्द शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है और दर्द सीधे सीने तक जाता है।

चिंता – लगातार चिंता और बेघर होने को तनाव से जोड़ा जा सकता है। हाथ, पीठ, गर्दन और जबड़े में दर्द या भारीपन हो सकता है। कई बार दर्द शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है और दर्द सीधे सीने तक जाता है।

पैरों और कूल्हों में ऐंठनः चलते समय जांघों और कूल्हों में ऐंठन या जलन महसूस होना इस बात का संकेत है कि आपकी धमनियां अस्वस्थ हैं. ऐसा तब होता है जब धमनियां संकरी हो जाती हैं, जिससे पेट और सिर जैसे अंगों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है. रक्त का प्रवाह धीमी गति से और कम होने की वजह से पैरों और कूल्हों में तकलीफ़ महसूस होती है. अगर समय रहते इस समस्या पर ग़ौर नहीं किया गया तो भविष्य में यह दिल के रोगों का कारण बन सकता है.

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