
क्या आप जानते है मंगल ग्रह के शीर्ष 6 रहस्य | Do You know the top 6 secrets of Mars — Awaaz News
आइए जानते हैं मंगल के 6 मुख्य रहस्य: मंगल ग्रह को प्राचीन चीनी खगोलविदों के लिए “फायर स्टार” के रूप में जाना जाता था, और वैज्ञानिक अभी भी लाल ग्रह के बारे में सवालों से जल रहे हैं। दर्जनों अंतरिक्ष यान मंगल पर भेजे जाने के बाद भी उस दुनिया के बारे में बहुत कुछ पता नहीं है। यहाँ मंगल ग्रह के बारे में कुछ सबसे बड़े अनसुलझे रहस्य हैं।
- यद्यपि साक्ष्य की बड़ी मात्रा में यह संकेत मिलता है कि मंगल ग्रह की सतह पर एक बार तरल पानी चले, यह एक बड़ा प्रश्न होगा कि क्या यह कभी-कभी लाल ग्रह के चेहरे पर कभी-कभी बह जाता है या नहीं।
- मंगल ग्रह का वायुमंडलीय दबाव बहुत कम है पृथ्वी के 1/100 वें हिसा , तरल पानी को सतह पर रहने के लिए। हालांकि, अंधेरे, मार्टिन ढलानों पर दिखाई देने वाली संकीर्ण रेखाएं जो संकेत करती हैं कि हर वसंत ऋतु में खारे पानी के नीचे जा सकता है।
- मंगल का एक दिन 24 घंटे से थोड़े ज़्यादा का होता है. मंगल सूरज की एक परिक्रमा धरती के 687 दिन में करता है. यानी मंगल का एक साल धरती के 23 महीने के बराबर होगा.
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मंगल के दो चंद्रमा हैं. इनके नाम फ़ोबोस और डेमोस हैं. फ़ोबोस डेमोस से थोड़ा बड़ा है. फ़ोबोस मंगल की सतह से सिर्फ़ 6 हज़ार किलोमीटर ऊपर परिक्रमा करता है.
फ़ोबोस धीरे-धीरे मंगल की ओर झुक रहा है, हर सौ साल में ये मंगल की ओर 1.8 मीटर झुक जाता है. अनुमान है कि 5 करोड़ साल में फ़ोबोस या तो मंगल से टकरा जाएगा या फिर टूट जाएगा और मंगल के चारों ओर एक रिंग बना लेगा.
क्या मंगल ग्रह पर महासागर थे? (Were There Oceans on Mars?)
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के साइंटिस्ट ने मंगल ग्रह पर पानी का स्रोत खोज लिया है. वैज्ञानिकों को मंगल की जमीन के अंदर यानी नीचे तीन झीलें मिली हैं. आपको बता दें कि दो साल पहले भी मंग्रल ग्रह के दक्षिणी ध्रुव पर एक बहुत बड़े नमकीन पानी वाली झील का पता चला था. यह झील बर्फ के नीचे दबी है. यानी भविष्य में मंगल ग्रह पर जाकर बसा जा सकता है अगर उस पानी का उपयोग किया जा सके
मंगल पर मीथेन का स्रोत क्या है? (What is The Source of Methane on Mars?)
वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह पर जीवन के सबूत (Life on Planet Mars) मिले हैं. वैज्ञानिकों के एक समूह ने मंगल ग्रह (Mars) पर एक ऐसी जगह की सटीक लोकेशन का पता लगाया है, जहां ये रहस्यमयी मीथेन गैस (Methane Gas) निकल रही है. ये गैस अक्सर ही सूक्ष्मजीवों (Microbes) द्वारा पैदा की जाती है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA का क्यूरियोसिटी रोवर (Curiosity rover) इसके ठीक पास में ही मौजूद है. 2012 में मंगल ग्रह के गेल क्रेटर (Gale crater) में रोवर के उतरने के बाद से इसके डिटेक्शन सिस्टम में मीथेन गैस का छह बार पता लगाया.
हालांकि, वैज्ञानिक अभी तक इसके सोर्स का पता नहीं लगा पाए थे. लेकिन अब एक नए विश्लेषण के साथ वैज्ञानिकों ने मीथेन गैस के सोर्स का पता लगाया है. अज्ञात मीथेन स्रोत का पता लगाने के लिए कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (California Institute of Technology) के रिसर्चर्स ने मीथेन गैस कणों को असतत पैकेट में विभाजित किया. मीथेन गैस की दिशा का पता लगाने के लिए उस समय ग्रह पर मौजूद हवा की गति और दिशा का ध्यान रखा गया. इस तरह टीम ने समय-समय पर उनके उत्सर्जन के संभावित बिंदुओं पर मीथेन का पता लगाया. इस तरह उन्होंने उन क्षेत्रों का पता लगाया, जहां मीथेन के स्रोत सबसे अधिक थे. इसमें से एक रोवर से कुछ मील दूर ही था.
क्यों मंगल ग्रह दो चेहरे है? (Why Does Mars Have Two Faces?)
मंगल के वातारण में 96 फ़ीसदी कार्बन डाई ऑक्साइड है, 1.93 फ़ीसदी आर्गन, 0.14 फ़ीसदी ऑक्सीजन और 2 फ़ीसदी नाइट्रोजन है.
साथ ही यहां के वातावरण में कार्बन मोनोऑक्साइड के निशान भी पाए गए हैं.